निवल मालियत में रु 5, 775 करोड तक की वृद्धि हुई तथा निवल गैर निष्पादक आस्ति 0.31% तक कम हो गई।
2.
क्रिसिल का यह भी कहना है कि न्यूनतम निवल मालियत की सीमा बढ़ जाने से अब इस क्षेत्र में नई संस्थाओं का प्रवेश कठिन हो जाएगा।
3.
@@ मूर्त निवल मालियत से अभिप्रेत है-पूँजी + अधिमान शेयर (उस हिस्से को छोड़कर जो 3 वर्ष के भीतर प्रतिदेय है) + शेयर प्रीमियम + आरक्षितियाँ और अधिशेष-संचित हानियाँ-पुनर्मूल्यांकन आरक्षितियाँ-विविध व्यय जो बट्टे खाते न डाले गए हों-अमूर्त / अवास्तविक आस्तियाँ + पिछले अंकेक्षित तुलनपत्र की तारीख के बाद लाई गई पूँजी।
4.
38 रुपए 13 आना 2 पाई से रु 1, 55,936 करोड तथा रु 5,000 की निवल मालियत से रु 5,775 करोड, निधि से अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में परिवर्तन तथा स्वदेशी भावना के प्रारंभिक दिनों से उदारीकरण के बाद के इन दिनों तक की यात्रा व दो विश्व युद्धों, आर्थिक मंदियों से गुज़रते हुए अद्यतन प्रौद्योगिकी को आत्मसात कर वित्तीय सुधारों के अनुरूप कार्य निष्पादन तथा 1906 के समारंभ से अब तक अनवरत लाभ दर्ज करने की अनन्य परम्परा कार्पोरेट सफलता की गाथा है ।